मैं नई कमीज पहन
तुम्हें खत लिख रहा हूं
किस तरह महसूस कर रही है
वह मेरे शरीर से बातें करती
अभी थोडी देर पहले
पसीने से मिली थी
अभी थोडी देर बाद
धूल को मिलेगी
कैसा लगेगा उसे
साबुन से मिलना
मेरी पत्नी के हाथों धोए जाना
नई कमीज चमकती धूप में
तार पर लटकती
सूखती, क्या सोचेगी
मैं तुम्हें खत लिख रहा हूं
नई कमीज पहन कर।
-गुरप्रीत
6 comments:
अभी थोडी देर पहले
पसीने से मिली थी
अभी थोडी देर बाद
धूल को मिलेगी
कैसा लगेगा उसे
साबुन से मिलना
very nice !!
मोहनजी
हिन्दी चिट्ठा जगत में आपका हार्दिक स्वागत है, आप हिन्दी में बढ़िया लिखें और खूब लिखें यही उम्मीद है।
एक अनुरोध है कृपया यह वर्ड वेरिफिकेशन का टंटा हटा दें, यह टिप्पणी करते समय बड़ा परेशान करता है।
॥दस्तक॥
तकनीकी दस्तक
गीतों की महफिल
सुन्दर अभिव्यक्ति। बधाई स्वीकारें।
आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद और मैं आशा करता हूं आप सभी के आर्शिवाद से मैं इस ब्लाग पर बहुत कुछ लिखूंगा
मैं तुम्�हें खत लिख रहा हूं
नई कमीज पहन कर।
" wonderful,so soft touch of feelings , good"
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