Friday 16 July 2010

आंसू हैं मेरे साथ

आँखों से गिरते आंसूं
दिल में उठती टीस
नहीं है कोई अपना
सिर रखने को
जो देता मुझे कन्धा

पोंछ देता
मेरे बहते आंसू

भाई का लाड
मां-बाप का दुलार
दोस्तों का प्यार 
छूट गया अब
सब अपनों का साथ
बस रह गए तो केवल

आंसू
नहीं है अब इन्हें पोंछने वाला कोई
सभी हैं आंसू देने वाले

इस दुनिया में
मेरे जैसे का होता है यही हाल
कोई तो होना ही चाहिए
आंसू हैं मेरे साथ

Tuesday 6 July 2010

उदासी का आलम

आज तुम उदास हो
मैं भी उदास हूँ
सारा जहाँ उदास है

इस उदासी को दूर कर दो
अपनी एक मुस्कराहट देकर

सूरज निकला
लेकिन
देखकर तुम्हारी उदासी का आलम
वों दमकना भूल गया
भूल गया की उसे
करना है रोशन जहाँ को
पर कर न सका रोशन
देखकर तुम्हारी उदासी का आलम

बादल आये
घन घोर घटायें लाये
पर बरस न सके
देखकर तुम्हारी उदासी का आलम
बरसना ही भूल गए

एक रहम तुम
जहाँ पर कर दो
करने दो रोशन जहाँ को
बरसने दो बादलों को
तोड़कर तुम अपनी
उदासी का आलम