जब मैं उदास होता हूं
आईने के सामने जाकर
खडा हो जाता हूं
और
ढूंढता हूं उस उदासी को
जो मुझे उदास करती है
फिर देखता हूं
फिर देखता हूं
अपने आईने की आंखों से
और पाता हूं कि
उदासी तो मेरी आंखों
में ही है और
मैं फिर से उदास
हो जाता हूं
क्योंकि मैं तो
उदास था ही
लेकिन अब मेरे आईने
की आंखें भी
मेरी उदासी को देख
और ज्यादा उदास हो गई
1 comment:
udasi ki bahut gahri pahchan hai aapko.yun laga jaise aaina aur udasi ek hi hain alag nhi
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