Thursday, 15 May 2008

पिताजी

सुबह-सुबह सूर्य की किरणें
हमारी छत पर पडती
और मेरे पिताजी
चिडियों को दाना डालने जाते
चिडियों का झुंड आता
और मेरे पिताजी की हथेली से
दाने चुगता
अब ना तो सूर्य की किरणें ही
हमारी छत पर पडतीं हैं
और ना ही चिडिया
दाना चुगने आती हैं
सूर्य की किरणें मधम पड गई
या
चिडियों को ही किसी ने मार दिया
-विजय मौदगिल

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