एक दीवार बनाई दूसरी दीवार बनाई तीसरी फिर चौथी दीवार बनाई छत डाल दी लेकिन फिर भी अधूरा रह गया घर चिडिया ने घोंसला नहीं बनाया शीशे लगाए, खिडकी दरवाजे लगाए मार्बल भी डलवाया फिर भी अधूरा रह गया घर चिटियों ने जगह नहीं बनाई
वाह ओए मोहणियां मज़ा आ गया यार चिड़ियां ने घर नहीं बनाया तों मैंनूं आपणे पिंड दा कच्चा घर चेते आ गया। यार सच्ची ओहथे कीड़ियां लाइन बणाके साडे घर दी कंद दी किसे नुक्कर च जा वड़दीयां सी। शुक्रिया यार पिंड चेते करवाउण लई।
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वाह ओए मोहणियां मज़ा आ गया यार चिड़ियां ने घर नहीं बनाया तों मैंनूं आपणे पिंड दा कच्चा घर चेते आ गया। यार सच्ची ओहथे कीड़ियां लाइन बणाके साडे घर दी कंद दी किसे नुक्कर च जा वड़दीयां सी। शुक्रिया यार पिंड चेते करवाउण लई।
फिर भी अधूरा रह गया घर
चिटियों ने जगह नहीं बनाई
"oh how deeply you have thought abt it, marvellous..."
कुछ बात तो ऐसी है
इस कविता में,
जो मन को छू गई!
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