Thursday 12 June 2008

मेरा बेटा अभी छोटा ...

मेरा बेटा अभी छोटा है
घुटमन चलता है
चलना सीखा नहीं है अभी
तमन्‍ना दौडने की है
दांत निकले नहीं पूरे
कि गन्‍ना चूसना चाहता है
मेरा बेटा अभी छोटा है
पैरों की पाजनियां छम छम करके
पकड दीवार का कोना
सोचता है
बहुत चल लिया
लूं थोडा सुस्‍ता
अगले ही पल
बिजली की मानिंद
उठ खडा हुआ
कहीं जाने की जल्‍दी है
एक नजर दौडाई मुस्‍करा कर
लगा ऐसा कि कह रहा हो
मैं भी चलने लगा हूं
चाहता हूं मैं भी दौडना
अभी घुटमन चलता है
मेरा बेटा अभी छोटा है

4 comments:

Anonymous said...

accha likhte he aap,or man se likhte he apke bete ko hmara aashirwad..............

Udan Tashtari said...

बढ़िया. बेटे को आशीष.

मोहन वशिष्‍ठ said...

शुक्रिया आप का आप तो लेखनी के सरताज हैं मुझे लिखना तो आता नहीं बल्कि ऐसे ही जो मन में आता है लिख देता हूं बाकी आप सबका आर्शीवाद मुझे भी प्रफुल्लित करता है और मेरा साहस बढाता है आप सबका एक बार फिर से तहेदिल धन्‍यवादी हूं

vijaymaudgill said...

मैं तुम्हारे बेटे को चलना सीखने के बाद दौड़ाना चाहता हूं और उसके साथ-साथ दौड़ना चाहता हूं। ताकि मैं भी फिर से बच्चा बन सकूं।