
कल मिली थी वो रास्ते में
पूछ रही थी
भूल गए
मैंने कहा
भूला कहां हूं
कोशिश कर रहा हूं
तुम्हें भुलाने की
उन तमाम यादों कीतुम्हें भुलाने की
जो अनायास ही
आ जाती हैं
और फिर
दर्द की एक बदली सी छा जाती है
कोशिश कर रहा हूं
कोशिश कर रहा हूं
तुम्हें भुलाने की
सोते समय नहीं करता हूं मैं तुम्हे याद
बस आंखों के सामने आ जाते हो तुम
तो आ जाती है तुम्हारी याद
आ जाता है याद वो तेरा हंसना
छोटी छोटी बातों पर गुस्सा करना
बारिश में भीगते हुए जाना
कहीं नहीं जाना
फिर भी जरूरी काम बताना
कोशिश कर रहा हूं
तुम्हें भुलाने की
अबकी बरसात में
नहीं किया मैंने तुम्हें याद
वो तो बस यूं ही
पेड के पत्तों पर गिरी
बारिश की बूंद ने
दिला दी तुम्हारी याद
कुछ बच्चों को भीगता देख
एक आह निकली कि काश...
कुछ बच्चों को भीगता देख
एक आह निकली कि काश...
लेकिन याद नहीं किया मैने
कोशिश कर रहा हूं
तुम्हें भुलाने की