Sunday, 7 September 2008

हमारी तुम्‍हारी मुलाकात

हमारी तुम्‍हारी मुलाकात
बन गई एक मिसाल
जब मिले थे हम दोनों
पता न था कि
इतना लंबा सफर
तय कर पाएंगे
हमारी तुम्‍हारी मुलाकात
बन गई एक मिसाल




लद गए दिन मस्‍ती के
छा गया घोर अंधेरा
एक ठोकर लगी
छूट गया साथ तेरा
टूट गया हसीं सपना
हमारी तुम्‍हारी मुलाकात
बन गई एक मिसाल

अब मेरा अपना ही घर
वीराना सा हो गया
कोई नहीं है साथ में मेरे
ये जहां भी
पराया सा हो गया
हमारी तुम्‍हारी मुलाकात
बन गई एक मिसाल

अब न तुम हो पास
है केवल तन्‍हाई ही साथ
और वो पल जो
मिले थे मुझे
जब तुम मिले
और कुछ नहीं है पास
हमारी तुम्‍हारी मुलाकात
बन गई एक मिसाल

15 comments:

Shastri JC Philip said...

"हमारी तुम्‍हारी मुलाकात
बन गई एक मिसाल
जब मिले थे हम दोनों
पता न था कि
इतना लंबा सफर
तय कर पाएंगे
हमारी तुम्‍हारी मुलाकात
बन गई एक मिसाल"

मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति!!!



-- शास्त्री जे सी फिलिप

-- हिन्दी चिट्ठाकारी के विकास के लिये जरूरी है कि हम सब अपनी टिप्पणियों से एक दूसरे को प्रोत्साहित करें

seema gupta said...

humare thumahre mulakat, ek pure ek adhure se baat, ek yaad ke seva kuch nahe maire pass, bus vo anjane akhere mulakat.... 'its very touching n lil pain ful poetry liked reading it. Ab smej aaya Itne dino se itne dard bhre rachna ko anjam daine mey lge thye. Great thoughts' regards

शायदा said...

बहुत अच्‍छे मोहन बाबू, कहां थे इतने दिन आप...।

Udan Tashtari said...

वाह भई वाह!! बहुत खूब!!

राज भाटिय़ा said...

बहुत ही सुन्दर मिसाल हे. इसे ही शायद प्रेम कहते हे.
धन्यवाद

डॉ .अनुराग said...

bahut khoob......

आर.के.सेठी said...

bahut achcha likha mohan bhai likho

Unknown said...

bahut hi achchi kavita likhi hai mohan ji i m your fan

Unknown said...

bahut hi achchi kavita likhi hai mohan ji i m your fan

सुशील छौक्कर said...

बहुत उम्दा।

फ़िरदौस ख़ान said...

बहुत खूब...

vandana khanna said...

bahut hi achcha likha good keep it up

شہروز said...

मन की व्यथा का संप्रेषण ही जब बलवती हो जाए तो लेखन का आरम्भ होता hai.
और ये आप से मिलकर लगता hai, आपके सृजन से मिलना ही, आपसे मिलना hai.
apni रचनात्मक ऊर्जा को बनाए रखें.
कभी समय मिले तो आकर मेरे दिन-रात भी देख लें.
http://shahroz-ka-rachna-sansaar.blogspot.com/
http://hamzabaan.blogspot.com/
http://saajha-sarokar.blogspot.com/

Rani Mishra said...

I REALLY IMPRESSED, WANT TO ADD AS A PEN FRIEND

THE INVINCIBLE said...

Really good one sir jee....keep the spirit up...amateurs are much lucid & better than the professionals who use the treacherous words in their writting...really appreciable.. :-)
If possible please visit my blog avinashsinghballia.blogspot.com,its not as good as that of yours but...its a humble request from a young mate...