तुम्हारी आने से याद
हो जाता है दिल उदास
अब नहीं करता तुम्हें याद
हो जाता है दिल उदास
तुम्हें क्यों करूं मैं याद
क्या तुमने दिया मुझे
दुख, दर्द और तकलीफ
क्या काफी नहीं है जिंदगी के लिए
अब नहीं करता तुम्हें याद
हो जाता है दिल उदास
पहले नहीं करता था याद
तो हो जाता था दिल उदास
अब करता हूं तुम्हें याद
तो हो जाता हूं और ज्यादा उदास
अब नहीं करता तुम्हें याद
हो जाता है दिल उदास
चलो आज से तुम्हें
एक नाम दे दूं
उदास याद
इसमें याद भी है और
याद आने के बाद
मिलने वाली उदासी भी
अब नहीं करता तुम्हें याद
हो जाता है दिल उदास
13 comments:
kya baat hai mohan ji. bhut sundar rachana ki hai aapne. or bhi sundar likhane ke liye meri shubhakamnaye.
तुम्हारी आने से याद
हो जाता है दिल उदास
अब नहीं करता तुम्हें याद
हो जाता है दिल उदास
तुम्हें क्यों करूं मैं याद
क्या तुमने दिया मुझे
bahut sunder likha hai
good
मोहन जी पहले तो अच्छी रचना के लिए बधाई।
आप की रचना में मन और दिल का असमंजस दिख रहा है। दिल याद करना चाहता है और मन उदास होने के डर से भूलना चाहता है। लेकिन यादें, जो हमेशा ये कहती हैं , इनके लिए अपनी रचना की कुछ लाइने कहुंगी कि
न इस तरहां से मुझे,
भूल जाने की कौशिश कर,
मैं तेरा ही ख्वाब हूं,
तू मुझे भुल नहीं पाएगा।
उलाहना की मासूम
कसमकस मे फ़ंसे दिल अब तु ही कोई फ़ेसला कर.
बहुत ही सुन्दर, धन्यवाद
बढिया लग रहा है अच्छी कविता लिखने का प्रयास लगे रहो
baat ghari hai
jab tum yaad nahi aate the tab udaas hota tha ab yaad aate ho tab bhi udaas hoon
naam bhi khoob socha hai
bahut khoobsurat...
kyon karen use yaad, jisne dil ko diya keval drd...
jari rahe..
चलो आज से तुम्हें
एक नाम दे दूं
उदास याद
" very nicely composed, very touching moments described"
कितना सता जाती हैं , दीवाना बना जाती हैं ,
हर जख्म दुखा जाती हैं , फ़िर तन्हा कर जाती हैं ,
“यादें जब भी आती हैं ”
Regards
ji maine ek naya prayog karne ki koshish ki hai wh yh hai ki hm jan sake ki vartan men jo chal rha hai uske bare men apn ki kya ray hai . isliye maine voting shuru ki hai . aasha karta hun ki aap jarur vote karengi. Umesh kumar
चलो आज से तुम्हें
एक नाम दे दूं
उदास याद
इसमें याद भी है और
याद आने के बाद
मिलने वाली उदासी भी
^ dilse nikle har alfaaz pe yaad hai tumari.... usike sahare udasi mai kat raha safar hai jo baki....
acha likha h
ek dard ko dhikya h
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