
ऐ काश मुझपे इतना ऐतबार करे कोई
मेरी चाहत है वो ये मान जाए कोई
मेरी आंखों में बसा है बेइंतहा प्यार
ऐ काश उस प्यार को पहचान पाए कोई

दिल ये चाहे मुझे छेडे और सताए कोई
मैं ना मानू जो सताने से तो रूठ जाए कोई
हर आहट पे मेरे आने का गुमान करके
मेरे साये से यूं दौड कर लिपट जाए कोई
मेरी सांसों में समाने वाली खुशबू की तरह
मेरी बाहों में यूं तडप कर बिखर जाए कोई
मेरे जीने का सहारा भी कभी टूट जाएगा
मरने के बाद ही सही मेरे नाम का सिंदूर सजाए कोई
मेरी चाहत है वो ये मान जाए कोई
मेरी आंखों में बसा है बेइंतहा प्यार
ऐ काश उस प्यार को पहचान पाए कोई

दिल ये चाहे मुझे छेडे और सताए कोई
मैं ना मानू जो सताने से तो रूठ जाए कोई
हर आहट पे मेरे आने का गुमान करके
मेरे साये से यूं दौड कर लिपट जाए कोई
मेरी सांसों में समाने वाली खुशबू की तरह
मेरी बाहों में यूं तडप कर बिखर जाए कोई
मेरे जीने का सहारा भी कभी टूट जाएगा
मरने के बाद ही सही मेरे नाम का सिंदूर सजाए कोई
5 comments:
hr aahet pr maire aane ka guman kr ke, maire saye se daud kr lepat jaye koee' wah vireh vaidna intjar ka ajeeb sa sangam dekhne ko mila hai. Kve ke kalpnashelta ka jvab nahe. Ek sundar rachna mnmohak chitrankan ke sath. Keep it up. Regards
मेरी सांसों में समाने वाली खुशबू की तरह
मेरी बाहों में यूं तडप कर बिखर जाए कोई
बहुत सुन्दर..
***राजीव रंजन प्रसाद
www.rajeevnhpc.blogspot.com
वाह. बहुत ही उम्दा और शानदार नज़्म.
बधाई.
मेरी आंखों में बसा है बेइंतहा प्यार
ऐ काश उस प्यार को पहचान पाए कोई
दिल ये चाहे मुझे छेडे और सताए कोई
मैं ना मानू जो सताने से तो रूठ जाए कोई
vah bhut sundar.
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