Monday 21 September 2009

भारत धरती मां है हमारी

भारत धरती मां है हमारी
हम सब इसकी संतान
इससे है पहचान हमारी
हम इसकी पहचान
भारत धरती मां है हमारी 

हम हैं भारत के बच्‍चे
ये हमको है अभिमान
दुश्‍मन इस पर नजर जो डाले
ले लें उसकी जान
भारत धरती मां है हमारी 

अगर पडी जो इसे जरूरत
कभी हमारी जान की
इक पल की ना देर लगाएं
हंसकर दें बलिदान
भारत धरती मां है हमारी

(बिटिया के स्‍कूल में गीत फेस्‍टीवल था। तो कुछ सूझा नहीं हमारी पत्‍नी जी ने इन चार लाईनों को लिखा और बिटिया को सिखा दिया।  हमारी बिटिया ने उसे अपनी तोतली सी आवाज में अपनी टीचर को सुनाया और काफी खुश हुईं। )

8 comments:

फ़िरदौस ख़ान said...

बहुत सुन्दर...

ईद मुबारक हो...

विनोद कुमार पांडेय said...

Bahut Pyara Bhav..janani aur janmbhumiki jay....
badhayi..

निर्मला कपिला said...

बहुत सुन्दर देश प्रेम की कविता है ऐसी रचनाओं से बच्चों मे देश प्रेम जागता है बधाई आपकी बिटिया को भी बहुत बहुत आशीर्वाद्

लोकेन्द्र विक्रम सिंह said...

वाह-वाह अब तो बिटिया की तोतली आवाज से सुनने का मन हो रहा है......
ये देश भक्ति के भाव......

Udan Tashtari said...

एक उम्दा रचना!बिटिया को भी बहुत बहुत बधाई.

Udan Tashtari said...

एक उम्दा रचना!बिटिया को भी बहुत बहुत बधाई.

Urmi said...

बहुत ही ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना लिखा है आपने! बहुत अच्छा लगा! नवरात्री की हार्दिक शुभकामनायें!

संजय भास्‍कर said...

एक उम्दा रचना