एक फूल बहुत ही सुंदर
मनभावन पर चंचल
ख्वाब लिए नैनों में अपने
होगा सवेरा प्रभु के चरणों मे...
मनभावन पर चंचल
ख्वाब लिए नैनों में अपने
होगा सवेरा प्रभु के चरणों मे...
जीवन सफल हो जाएगा उसका
मोक्ष उसे मिल जाएगा
मोक्ष उसे मिल जाएगा
मगर विधि का विधान ही कुछ और
चला नही उस पर किसी का जोर
एक बेदर्द हवा का झोंका आया
फूल को राह मे उसने फैंका
परों तले कुचला गया,
और धूल मे वो मिल गया
तितर बितर उसके अंग
बिखर गया उसक हर रंग
किसी ने उसका दर्द न जाना
चूर चूर हो गया उसका
सपना सुहाना
होगा सवेरा प्रभु के चरणों मे...
जीवन सफल हो जाएगा उसका
जीवन सफल हो जाएगा उसका
18 comments:
फूल बहुत एक सुंदर
मनभावन पर चंचल
ख्वाब लिए नेनों मे
होगा सवेरा प्रभु के चरणों मे...
" वाह कितने कोमल कितने पाक मोक्ष पाने के विचार हैं इस नाजुक से फूल के , मगर कितना बदनसीब है बेचारा , पेरों तले कुचला गया ..... शायद यही किस्मत होती होगी, हम इंसान ही नही ये फूल भी कुछ चाहत रखते हैं... बहुत सुन्दरता से आपने आपने भावों को व्यक्त किया है..."
regards
bahut sunder kavita
bahut marmik rachana,phool ka dard bahut sundar tarike se ubhara hai.
बहुत मार्मिक कविता ! शुभकामनाएँ !
ek phool ki dard bhari dastan--kavita bhaavpuran ahi
achchi kavita hai.Thanks
वाह!! बहुत भावपूर्ण!!
इस मार्मिक कविता हे लिये आप का बहुत बहुत धन्यवाद
मोहन जी, वो फूल इंसान ही तो है.
एक फूल बहुत ही चंचल......
वाह बहुत खूब लिखा है आपने.
मैं कुछ दिनों के लिए गोवा गया हुआ था, इसलिए कुछ समय के लिए ब्लाग जगत से कट गया था. आब नियामत रूप से आता रहूँगा.
फूलों के बारे में तो बहुत कुछ लिखा गया है, पर इतनी शिददत के साथ कहीं उसकी भावनाएं नहीं पढने को मिलीं, बधाई।
Respected Mohan ji...
I enjoyed reading this poem very much. So thought of dropping a line to say thanks for posting. Sorry I don't have keyboard in Devnagri to type in Hindi...but I can read, speak and write pretty well. Thanks for visitng my blog too. Keep it up!!
Regards
Tamanna
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति. आभार.
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति. आभार.
Insan ko hamesa sadharan rahna chahia kionki sadharanta me sundarta hoti hai or sundarta me bhawan baste hai. Mai to sundarta ka bhaqt hun
शानदार अभिव्यक्ति... अगली पोस्ट का इंतजार है..
anjane hi aapke blog par pahunch gaya. kuchh hindi mein padhne ki ichha thi, shayad isi wajah se.Bhavon ko behtareen tareeke se prastut kiya hai aapne.mujhe to behad pasand aayi aapki yeh rachna.
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