Saturday 15 November 2008

टूट गया याराना

आज प्‍यार से प्‍यार का टूट गया याराना
आया है याद वो गांव का खंडहर पुराना
जहां होती थी हम दोनों की रोज मुलाकातें
कुछ मीठी सी नोंक झोंक और कुछ प्‍यारी सी बातें

वो खंडहर, हमारी अनमोल चाहत का था महल
ना जाने किसकी लगी हमारे प्‍यार को नजर
एक पल में जुदा कर गया वक्‍त मुझसे मेरे यार को
कुछ इस कदर उठा तूफान जमाने की बंदिशों का
कि फना हो गई हमारी मोहब्‍बत की कहानी

रुका तूफान तो निगाहों ने ढूंढा मेरे प्‍यार को
देखा कि वो पुराना खंडहर ढह चुका था
और उसके साथ ही दफन हो गया
वो हमारे प्‍यार का महल

18 comments:

ताऊ रामपुरिया said...

और उसके साथ ही दफन हो गया
वो हमारे प्‍यार का महल

बहुत गहरी अभिव्यक्ति है ! शुभकामनाएं !

seema gupta said...

रुका तूफान तो निगाहों ने ढूंढा मेरे प्‍यार को
देखा कि वो पुराना खंडहर ढह चुका था
और उसके साथ ही दफन हो गया
वो हमारे प्‍यार का महल
" uf, bhut mrmspershee rachna..... fir se ek tute dil ke dastane byan...udas kr gyee..."

Regards

Shambhu Choudhary said...

आपकी सभी कविताओं का भाव अलग- अलग है। फिर भी प्रयास अच्छा है। कुछ रचना कालजयी हो तो ज्यादा निखार की संभावनाएं हैं आपमें।
जैसे:
1.
सुख में दुख में
आंधी तूफान में
मेरे साथ है
मेरा साया
2.
फिर भी
विचर रहा हूं
इस धरा पर
नंगे पैर...

Anonymous said...

dil ko chu gayi bahut marmik rachana sundar

mehek said...

bahut marmik rachana badhai

ghughutibasuti said...

सुन्दर !
घुघूती बासूती

Alpana Verma said...

कुछ मीठी सी नोंक झोंक और कुछ प्‍यारी सी बातें--

-------------रुका तूफान तो निगाहों ने ढूंढा मेरे प्‍यार को
देखा कि वो पुराना खंडहर ढह चुका था--

ek dard bhari dastan kah gayee yah kavita..

Anonymous said...

गहरी भावाभिव्यक्ति बधाई/

makrand said...

रुका तूफान तो निगाहों ने ढूंढा मेरे प्‍यार को
देखा कि वो पुराना खंडहर ढह चुका था
और उसके साथ ही दफन हो गया
वो हमारे प्‍यार का महल
bahut khub mohan ji
bahut acche
regards

Vinay said...

beetii baton ke zakhm kaante ban gaye hain.

राज भाटिय़ा said...

क्या बात है, बहुत ही सुंदर.
धन्यवाद

श्यामल सुमन said...

बहुत खूब मोहन जी।

हर पल याद में बसनेवाले लोग अफसाने हो जाते हैं।
आँखें बूढ़ी हो जातीं हैं ख्वाब पुराने हो जाते हैं।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com

हरकीरत ' हीर' said...

रुका तूफान तो निगाहों ने ढूंढा मेरे प्‍यार को
देखा कि वो पुराना खंडहर ढह चुका था
और उसके साथ ही दफन हो गया
वो हमारे प्‍यार का महल
बहुत गहरी अभिव्यक्ति बधाई...

हरकीरत ' हीर' said...

रुका तूफान तो निगाहों ने ढूंढा मेरे प्‍यार को
देखा कि वो पुराना खंडहर ढह चुका था
और उसके साथ ही दफन हो गया
वो हमारे प्‍यार का महल

बहुत गहरी अभिव्यक्ति ...

अवाम said...

सुंदर रचना. जीवन बहुत ही कठिन और दुखदायी होता है.

hindustani said...

दिल को भेदती हुई कविता

P.N. Subramanian said...

Sundar Rachna. Abhar.

डॉ. मनोज मिश्र said...

आपके ब्लॉग को आज ही मैंने देखा .पसंद आया .भावाभिब्यक्ति के साथ लेखन के लिए हमारी तरफ से आपको शुभकामनायें