Thursday 15 October 2009

दीपावली की शुभकामनाएं

दीपावली पर्व की आप सभी को समस्‍त परिवार सहित हार्दिक शुभकामनाएं  वैभव लक्ष्‍मी आप सभी पर कृपा बरसाएं। लक्ष्‍मी माता अपना आर्शिवाद बरसाएं।

दूर कहीं गगन के तले 
एक दीप की लौ नजर आई 
जाकर पास देखा उसके 
दीपक जल रहा था 
बिना तेल के 
मैंने पूछा दीपक से 
तेल नहीं तो कैसे जल रहे हो तुम 
तो दीपक ने जवाब दिया 
कि 
जिस तरह तुम इंसान 
बिना तेल और बाती के 
एक दूसरे से जल रहे हो 
वैसे ही मैं भी 
तुम इंसानों को देख कर 
जल रहा हूं 

छोड कर आपस का वैर
चलो जलाते हैं हम भी प्‍यार का दीपक
प्रेम को बना दीपक की बाती
इंसानियत से लो तेल का काम
फैलेगा शांति का प्रकाश चारो ओर
होंगे खुशहाल सभी 

8 comments:

Udan Tashtari said...

सुन्दर संदेश!!!बधाई!


सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

-समीर लाल ’समीर’

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

aapko deepawali ki haardik shubhkaamnayen......

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

जिस तरह तुम इंसान...................!
बहुत सुन्दर भाव और आपको भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये !

राज भाटिय़ा said...

आप को ओर आप के परिवार को दिपावली की शुभकामानाये.
अरे आप का ब्लांग दिख क्यो नही रहा हमारे ब्लांग पर?

योगेन्द्र मौदगिल said...

दीवाली हर रोज हो तभी मनेगी मौज
पर कैसे हर रोज हो इसका उद्गम खोज
आज का प्रश्न यही है
बही कह रही सही है

पर इस सबके बावजूद

थोड़े दीये और मिठाई सबकी हो
चाहे थोड़े मिलें पटाखे सबके हों
गलबहियों के साथ मिलें दिल भी प्यारे
अपने-अपने खील-बताशे सबके हों
---------शुभकामनाऒं सहित
---------मौदगिल परिवार

seema gupta said...

झिलमिलाते दीपो की आभा से प्रकाशित , ये दीपावली आप सभी के घर में धन धान्य सुख समृद्धि और इश्वर के अनंत आर्शीवाद लेकर आये. इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए.."
regards

तदात्मानं सृजाम्यहम् said...

deepak jal raha hai
aaj bhi
bina bati
bina tel..
padhkar achchha laga. aabhaar

संजय भास्‍कर said...

बहुत सुन्दर रचना । आभार
ढेर सारी शुभकामनायें.