मेरा हमदम मेरा दोस्त है मेरा साया
हर समय हर पल
रहता है साथ
मेरा साया
सुख में दुख में
आंधी तूफान में
मेरे साथ है
मेरा साया
कभी थकता नहीं कभी रुकता नहीं
चलता ही जाता है
साथ मेरे
मेरा साया
सूखी नदी में पैर फिसल गया
मुझे संभाला खुद गिर गया
मेरा साया
पर्वत ने रोका रास्ता मेरा
न रुकने दिया चलाता रहा मुझे
मेरा साया
दोस्तों ने छोड दिया साथ
न होने दिया कभी उदास
हंसता रहा साथ मेरे
मेरा साया
21 comments:
मेरा हमदम मेरा दोस्त है मेरा साया
हर समय हर पल
रहता है साथ
मेरा साया
" kitne dino ke baad aapko pdhne ka mauka mila hai.... bhut ythartvadee prstutee hai, sach he to hai jhan koee bahee nahee sath apne, vhan maira saya sath chla....kub khan mai rha tanha, hr lemha maira maire saye ke saath plaa....good composition"
Regards
सत्य कहा....
जन्म से लेकर श्मशान तक, साथ निभाए मेरा साया.
सुन्दर रचना है।बधाई।
दोस्तों ने छोड दिया साथ
न होने दिया कभी उदास
हंसता रहा साथ मेरे
मेरा साया
क्या शानदार बात कही मोहन जी ! बहुत धन्यवाद !
दोस्तों ने छोड दिया साथ
न होने दिया कभी उदास
हंसता रहा साथ मेरे
मेरा साया
सही कहा बहुत सुंदर
mind blowing dost i am proud of you
bilkul sahi bat hai, isi tarah mera hosla badhate rahiyega,"http://pinturaut.blogspot.com/"http://janmaanas.blogspot.com/
बहुत सुंदर.
धन्यवाद
'सूखी नदी में…'
बहुत सुन्दर।
badhiya rahii aapki rachna!
sach kha ......
क्या बात है.. वाह.. अच्छी रचना के लिये बधाई..
पर्वत ने रोका रास्ता मेरा
न रुकने दिया चलाता रहा मुझे
मेरा साया
अच्छा लिखा है आपने. स्वागत मेरे ब्लॉग पर भी
बढिया.....लेकिन ज़रा सोचो कि उजाले में ही साथ रहता है साया और अँधेरे मे तनहा कर जाता है.
Bouth Aache Janaab
nice blog dude!!!!!
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bahut khub
badhai
bahut badiya mohan ji.
saral aur sundar kavita!Wah!
you are doing such a wonderful job.
so simple and quite good.
thanks for sharing
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