कल जब मिले थे
तो दिल में हुआ एक साऊंड
और आज मिले तो कहते हैं
यूअर फाईल नोट फाऊंड
जो मुददत से होता आया है
वो रिपीट कर दूंगा
तू नहीं मिली तो अपनी जिंदगी
कंट्रोल आल्ट डिलीट कर दूंगा
शायद मेरे प्यार को
टेस्ट करना भूल गए
दिल से ऐसा कट किया
कि पेस्ट करना भूल गए
लाखों होंगे निगाह में
कभी मुझे भी पिक करो
मेरे प्यार के आइकन पे
कभी तो डबल क्लिक करो
रोज सुबह हम करते हैं
प्यार से उन्हें गुड मार्निंग
वो ऐसे घूर के देखते हैं
जैसे जीरो एरर और पांच वार्निंग्स
ऐसा भी नहीं है कि
आई डोंट लाईक यूअर फेस
पर दिल के स्टोरेज में
नो मोर डिस्क स्पेस
घर से जब तुम निकले
पहने के रेशमी गाऊन
जाने कितने दिलों का
हो गया सर्वर शट-डाऊन
22 comments:
शायद मेरे प्यार को
टेस्ट करना भूल गए
दिल से ऐसा कट किया
कि पेस्ट करना भूल गए
बढिया कट पेस्ट किया ! :) नई और रोचक कविता ! धन्यवाद !
घर से जब तुम निकले
पहने के रेशमी गाऊन
जाने कितने दिलों का
हो गया सर्वर शट-डाऊन
बहुत रोचक रचना ! शुभकामनाएं !
जो मुददत से होता आया है
वो रिपीट कर दूंगा
तू नहीं मिली तो अपनी जिंदगी
कंट्रोल आल्ट डिलीट कर दूंगा
bahut hi umda rachana ek naye andaaj me . dhanaywad.
वाह क्या कविता है, लगता है आज के आशिको पर लिखी गई है, मजा आ गया
धन्यवाद
मोहन जी क्या खूब लिखा आपने । अच्छा लगा ।
इस कम्प्यूट्रिकृत रचना के लिए बधाई स्वीकारें।
घर से जब तुम निकले
पहने के रेशमी गाऊन
जाने कितने दिलों का
हो गया सर्वर शट-डाऊन
bahut umda
regards
no more disc space..
मोहन जी, ऐसा कभी-कभी होता है। मोबाइल पर सही नम्बर डायल करने के बाद भी आता है प्लीज चैक द नम्बर। कभी ऐसा भी होता है जब नम्बर किसी का मिलाओ और बात कहीं हो जाती है। अगर सर्वर डाउन है तो कुछ भी हो सकता है।
वाह, यह भी खूब अंदाज है-बढ़िया प्रयास. बधाई.
घर से जब तुम निकले
पहने के रेशमी गाऊन
जाने कितने दिलों का
हो गया सर्वर शट-डाऊन
" ha ha ha ha ha wah, ab kee baar to sach mey kmal ho gya, ek alag hee andaaj mey nazar aaye aap... or han 'Tanishk' ko blog pr dekha, thanks a lot..."
Regards
लाखों होंगे निगाह में
कभी मुझे भी पिक करो
मेरे प्यार के आइकन पे
कभी तो डबल क्लिक करो
... सुन्दर रचना है।
मोहन जी,
आपकी टिप्पणी ने अभिभूत की दिया
क्या बात है भाई....
इधर आपके ब्लाग पर आया तो एक बढ़िया सामयिक हास्य से परिपूर्ण रचना मिली
साधुवाद स्वीकारें.....
what a poem sir ji
शायद मेरे प्यार को
टेस्ट करना भूल गए
दिल से ऐसा कट किया
कि पेस्ट करना भूल गए
लाखों होंगे निगाह में
कभी मुझे भी पिक करो
मेरे प्यार के आइकन पे
कभी तो डबल क्लिक करो
bahut khoob janab, bahut umda, maza aa gaya
वाह ! क्या बात है.लाजवाब स्टाइल है.कम्पूटर युग का कम्प्यूटरीकृत प्रेम ..........बहुत बहुत सुंदर....अनूठा भाषा प्रयोग है.
बढ़िया प्रयास. बधाई.कभी आप मेरे ब्लॉग पर भी आए
बहुत बढ़िया मोहन जी मजा आ गया. वक़्त के हिसाब से सटीक रचना वो भी मजेदार.
शिवराज गूजर
हिन्दी और अंग्रेज़ी की घालमेल वाली कविता मजेदार थी. दोनों भाषाओँ को जोड़कर काफी ह्यूमरस कविता लिखी.आगे भी मोहन का मन ऐसे ही कुछ लिखता रहे......शुभकामनाएं
सभी जानना चाहते हैं कि हिन्दुस्तानी ब्लॉग पर फिरंगी क्या कर रहा है ? मैं इस सवाल का जवाब देना चाहूँगा कि हिन्दुस्तान में हिन्दुस्तानियों से ज्यादा महत्व विदेच्चियों को दिया जाता है। तभी तो मनमोहन के बयान से ज्यादा लोग बुच्च के बयान को सुनना चाहते हैं। और एक बात जब से मैंने अपने ब्लॉग पर फिरंगी की फोटो लगाई है तभी से मेरे हिन्दुस्तानी साथी मेरे ब्लॉग पर आने लगे हैं। फिरंगी की तस्वीर लगाने के पीछे मेरा और कोई दूसरा मकसद नहीं है यदि आप लोगों को एतराज है तो मैं इसे अपने ब्लॉग से हटा दूँगा।
आप मेरा समय बदल रहा है लेख पढ़े और अपने विचार दें।
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