आज फिर बारिश हुई
सबके चेहरे खिले
फूल खिले
पेड खिले
खिला नवयौवन भी
बस, नहीं खिला तो
एक फूल
जो अभी अधखिला था
गिर गया
इस बारिश से
और फिर वो अधखिला फूल
समा गया
पानी के आगोश में
और बह गया दूर
बहुत दूर
पानी के आगोश में
Sunday 30 August 2009
Thursday 13 August 2009
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाईयां
जय श्री कृष्णा
जय जय श्री राधे
आप सभी को श्री कृष्ण जी के जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं
अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं
वंदे मातरम्
Tuesday 11 August 2009
अंधा प्यार या अंधा इंसान
एक अंधा लडका सभी लोगों से बहुत घृणा करता था। वह किसी से बात करना भी मुनासिब नहीं समझता था। लेकिन वह लडका एक लडकी से बेइंत्हा प्यार करता था और उसके बिना रह भी नहीं सकता था। दोनों में बहुत सारी प्यार भरी बातें होती थीं। लडकी भी बेइंत्हां प्यार करती थी उस लडके को। एक दिन वह लडका लडकी से बातें कर रहा था, और बोला कि दोस्त मैं देख नहीं सकता, अगर मैं देखता तो बिल्कुल तुमही से शादी करता। एक दिन एक भद्र पुरुष ने अपनी आंखें उसी अंधे लडके को दान कर दी। फिर वह नई आंखों से दुनिया को देखने लगा। जब वह उस लडकी से मिला जिसे वह सबसे ज्यादा प्यार करता था तो देखा कि वह लडकी भी अंधी है। अब उस लडकी ने पूछा, कि अब तुम दुनिया को देखने लगे हो, क्या अब तुम मुझसे शादी करोगे। अब लडके के अंदर दुनिया में फिर से देख पाने का घमंड आ गया था, तो उसने स्वार्थपूर्ण तरीके से कहा, नहीं। मैं, तुमसे शादी नहीं कर सकता। लडकी ने बहुत ही प्यार के साथ उसे जबाव दिया कोई बात नहीं। मेरी बात का बुरा मत मानना। लेकिन मेरी तुमसे एक विनती है, एक अरदास है, लडका बोला, क्या । लडकी बोली, मेरी आंखों को हिफाजत से रखना। (अत: कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने अतीत में झांककर देखो, मत भूलो मत भूलो )
Saturday 8 August 2009
बादलों जैसा जोश
गर हो जाए बादलों जैसा जोश हर इन्सां में
कभी तो सूरज को ले लेते हैं अपने आगोश में
गर हो जाए पानी जैसा तेज हर इन्सां
कभी तो पहाडों से रास्ता बना ही ले
कभी तो सूरज को ले लेते हैं अपने आगोश में
गर हो जाए पानी जैसा तेज हर इन्सां
कभी तो पहाडों से रास्ता बना ही ले
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