Tuesday 16 December 2014

घर की आन

घर की आन

बेटियाँ घर की आन होती हैं
बेटियाँ देश की शान होती हैं
बेटियाँ माँ बाप की जान होती हैं
बेटियाँ भाई के साथ होती हैं
बेटियाँ हर मुकाम पर साथ देती हैं
बेटियाँ रोशन नाम करती हैं
बेटियाँ तो बेटियाँ होती हैं
बेटियों पर कोई एहसान नही करता
बेटियाँ सब पर एहसान करती हैं
आखिर बेटी तो बेटी होती है
और मुझे गर्व है कि
मैं भी एक बेटी का बाप हूँ
एक बेटी का भाई हूँ
एक बेटी का बेटा हूँ
देखते ही देखते बेटियाँ बड़ी हो जाती हैं

3 comments:

Unknown said...

अति सुंदर विचार........लिखना जारी रखें। मेरा छोटा सा प्रयास देखें- ncpaneru.blogpost.com पर, कमेंट की प्रतीक्षा रहेगी।

Unknown said...

अति सुंदर विचार........लिखना जारी रखें। मेरा छोटा सा प्रयास देखें- ncpaneru.blogpost.com पर, कमेंट की प्रतीक्षा रहेगी।

मोहन वशिष्‍ठ said...

aapka aabhar naveen ji