मैं जब मर जाऊं
मुझे मत दफनाना
न ही मुझे जलाना
बस मुझे तो भेज देना
मेरी माँ कि गोद में
जिसके लिए तरसा हूँ मैं
तडपा हूँ मैं
उसकी गोद में
बस
सिर रखकर सोना चाहता हूँ
यूँ ही सदियों तक
न कोई जगाना मुझे
न कोई आवाज देना
मैं खो जाना चाहता हूँ
माँ की गोद में
4 comments:
बेहतरीन
बहुत अच्छी लगी जी यह रचना
हमें भी पढवाने के लिये धन्यवाद
प्रणाम
आपने उस गीत की याद करा दी ...
मेरी आवाज़ सुनो ... प्यार का राग सुनो ..
सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ शानदार रचना लिखा है आपने! बधाई!
बढ़िया है हुज़ूर...
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