Tuesday 30 September 2008
नंगे पैर
नंगे पैर
निर्वस्त्र तन
बेकाबू मन
पर
फिर भी
विचर रहा हूं
इस धरा पर
नंगे पैर...
कहने को तो जिंदगी है
लेकिन
जीने के नाम पर
कुछ भी बाकी नहीं है
कर दिया किस्मत ने
दाने दाने को मोहताज
फिर भी
विचर रहा हूं
इस धरा पर
नंगे पैर...
अब देखना है जिंदगी में
क्या क्या खेल हैं मुकद्दर के
कब मिलेगी मुक्ति इस नश्वर शरीर से
कोई परवाह नहीं
जो होगा नसीब में इस मुकद्दर के
फिर भी
विचर रहा हूं
इस धरा पर
नंगे पैर...
Saturday 13 September 2008
ओ मेरे वतन के हत्यारों ...
ओ मेरे वतन के हत्यारों
क्या चाहते हो तुम बतलादो...
क्या तुम किसी मां के बेटे नहीं
क्या तुम किसी मांग के सिंदूर नहीं
क्या तुमको किसी राखी की लाज नहीं
क्यों करते हो खून खराबा
क्या तुमको जनमानस से प्यार नहीं
ओ मेरे वतन के हत्यारों
क्या चाहते हो तुम बतलादो...
चाहते हो तुम इस मेरे देश में
कर लो करना है तुमको जो
होगी शांति होगा मुकाबला
इस वीर वतन मेरे देश में
ओ मेरे वतन के हत्यारों
क्या चाहते हो तुम बतलादो...
क्या चाहते हो तुम बतलादो...
मत भूलो चंद्रशेखर आजाद भगतसिंह
पैदा हुए थे इसी देश में
चटा दी थी धूल दुश्मनों को
इस वीर वतन मेरे देश में
अब बारी है तुम्हारी
ओ मेरे वतन के हत्यारों
क्या चाहते हो तुम बतलादो...
क्या चाहते हो तुम बतलादो...
Friday 12 September 2008
उदास याद
तुम्हारी आने से याद
हो जाता है दिल उदास
अब नहीं करता तुम्हें याद
हो जाता है दिल उदास
तुम्हें क्यों करूं मैं याद
क्या तुमने दिया मुझे
दुख, दर्द और तकलीफ
क्या काफी नहीं है जिंदगी के लिए
अब नहीं करता तुम्हें याद
हो जाता है दिल उदास
पहले नहीं करता था याद
तो हो जाता था दिल उदास
अब करता हूं तुम्हें याद
तो हो जाता हूं और ज्यादा उदास
अब नहीं करता तुम्हें याद
हो जाता है दिल उदास
चलो आज से तुम्हें
एक नाम दे दूं
उदास याद
इसमें याद भी है और
याद आने के बाद
मिलने वाली उदासी भी
अब नहीं करता तुम्हें याद
हो जाता है दिल उदास
Sunday 7 September 2008
हमारी तुम्हारी मुलाकात
हमारी तुम्हारी मुलाकात
बन गई एक मिसाल
जब मिले थे हम दोनों
पता न था कि
इतना लंबा सफर
तय कर पाएंगे
हमारी तुम्हारी मुलाकात
बन गई एक मिसाल
लद गए दिन मस्ती के
छा गया घोर अंधेरा
एक ठोकर लगी
छूट गया साथ तेरा
टूट गया हसीं सपना
हमारी तुम्हारी मुलाकात
बन गई एक मिसाल
अब मेरा अपना ही घर
वीराना सा हो गया
कोई नहीं है साथ में मेरे
ये जहां भी
पराया सा हो गया
हमारी तुम्हारी मुलाकात
बन गई एक मिसाल
अब न तुम हो पास
है केवल तन्हाई ही साथ
और वो पल जो
मिले थे मुझे
जब तुम मिले
और कुछ नहीं है पास
हमारी तुम्हारी मुलाकात
बन गई एक मिसाल
बन गई एक मिसाल
जब मिले थे हम दोनों
पता न था कि
इतना लंबा सफर
तय कर पाएंगे
हमारी तुम्हारी मुलाकात
बन गई एक मिसाल
लद गए दिन मस्ती के
छा गया घोर अंधेरा
एक ठोकर लगी
छूट गया साथ तेरा
टूट गया हसीं सपना
हमारी तुम्हारी मुलाकात
बन गई एक मिसाल
अब मेरा अपना ही घर
वीराना सा हो गया
कोई नहीं है साथ में मेरे
ये जहां भी
पराया सा हो गया
हमारी तुम्हारी मुलाकात
बन गई एक मिसाल
अब न तुम हो पास
है केवल तन्हाई ही साथ
और वो पल जो
मिले थे मुझे
जब तुम मिले
और कुछ नहीं है पास
हमारी तुम्हारी मुलाकात
बन गई एक मिसाल
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