Tuesday, 8 September 2009

बन जा मेरी मात यशोदा

काफी दिन पहले मेरी धर्मपत्‍नी द्वारा लिखित एक भजन आज आपको पढा रहा हूं आशा है आप सभी को पसंद आएगी। यह भजन मेरी पत्‍नी ने जन्‍माष्‍टमी पर लिखा था लेकिन कुछ व्‍यस्‍तता के चलते आज इसे आप सभी को पढवा रहा हूं

तू बन जा मेरी मात यशोदा
मैं कान्‍हा बन जाऊं
जा यमुना के तीरे मां
बंशी मधुर बजाऊं
इक छोटा सा बाग लगा दे
जहां झूमूं नाचू गाऊं
घर-घर जाकर माखन मिश्री
चुरा चुरा के खाऊं
इक छोटी सी राधा लादे
जिसके संग रास रचाऊं
तू ढूंढे मुझे वन उपवन
मैं पत्‍तों में छिप जाऊं
तू बन जा मेरी मात यशोदा
मैं कान्‍हा बन जाऊं

23 comments:

seema gupta said...

बेहद प्यारा मनमोहक गीत...

regards

Rajeysha said...

ये तो बहुत ही प्‍यारे बोल हैं। परमात्‍मा की याद तो किन्‍हीं भी शब्‍दों में की जाए सर्वोत्‍तम है। ये तो बहुत ही प्‍यारे बोल हैं।

Anonymous said...

khoobsurat rachna bahbhiji ki...
lekin jo yeh bematlab ke ad lagayein hain inse blog ki aatma khatam ho gayi hai...aankhon par katuraghaat lag raha hai...

Vinay said...

ham to aapki rachnao ke deewane hain, kaise hain aap?

अशरफुल निशा said...

इस मनभावन गीत के लिए बधाई।
Think Scientific Act Scientific

Udan Tashtari said...

मनभावन गीत ..इतना बेहतरीन लिखती है, उनका भी ब्लॉग खुलवाओ भाई.

इष्ट देव सांकृत्यायन said...

मनभावन पद.

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर रचना है !!

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

सुन्दर रचना !!
- लावण्या

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर भजन, मै तो इसे छाप कर उन लोगो मै बांट दूं गा जो लोग भजन करते है, नाम लेखिका का ही लिखूगां

आप का धन्यवाद

vijay kumar sappatti said...

waah , kya sundar bhakti geet hai .. krishan mere aaradhya hai ... aur ye bhakti geet ,krishn ji ke baal roop ko ache se darshata hai .. meri badhai sweekar kijiye ..

vandana gupta said...

krishna prem mein doobi rachna.........bal roop ka sundar chitran...........lajawaab

ajaymehta said...

क्या बात है भाई,
मियां तो मियां, भाभी सुबहानअल्ला

Alpana Verma said...

वाह! अति सुन्दर!
सरल ,सरस .मधुर भक्ति भाव से भरा गीत.
मेरी बधाई स्वीकारें..उन्हें कहियेगा अगली रचना की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

Alpana Verma said...

वाह! अति सुन्दर!
सरल ,सरस .मधुर भक्ति भाव से भरा गीत.
मेरी बधाई स्वीकारें..उन्हें कहियेगा अगली रचना की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

Urmi said...

बहुत ही ख़ूबसूरत, प्यारी, मीठी और दिल को छू लेने वाली गीत लिखा है आपने! इतना सुंदर लिखा है कि कहने के लिए अल्फाज़ कम पर गए! मैं तो कृष्ण जी का बहुत बड़ा भक्त हूँ इसलिए मुझे आपका ये गीत बेहद पसंद आया ! इस बेहतरीन गीत के लिए ढेर सारी बधाइयाँ !

योगेन्द्र मौदगिल said...

भई वाह मोहन जी,,,, खूब... बहुत खूब... बहू को आशीष..

असलम ख़ान said...

बहुत सुन्दर रचना है..........

सरफ़राज़ ख़ान said...

बहुत सुन्दर भजन है.........

संदीप कुमार said...

भईया भाभी जी की और कविताएं भी जरुर पढाईएगा

संदीप कुमार said...

भईया भाभी जी के और भजन जरुर पढाईएगा

संदीप कुमार said...

भईया भजन पढाने के लिए शुक्रिया
भाभी की और कविताएं जरुर पढाईएगा

संजय भास्‍कर said...

वाह! अति सुन्दर!
सरल ,सरस .मधुर भक्ति भाव से भरा गीत.