दोस्तों आज मैंने दा फोटो देखे देखकर अच्छा लगा साथ ही बुरा भी लगा हमारे देश के एक नेता हैं और दूसरे बडे अधिकारी हैं चले दोनों पौधारोपण करने के लिए पौधरोपण भी किया फोटो भी खींचा गया और सुबह अखबारों में भी लगेंगे लेकिन दोनों ही फोटो में एक हैरत वाली बात थी वो आप दोनों फोटो को देखकर बताओ क्या हैरान करने वाली बात है
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इस फोटो में नेताजी आए हैं पौधरोपण करने लेकिन मिटटी से डर रहे हैं देखें गोल दायरे में |
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इस फोटो में अधिकारी हैं लेकिन मिटटी से डर रहे हैं इसलिए पैरों के नीचे अखबार बिछा डाले अगर जनाब को मिटटी से इतना ही डर लगता है तो पौधरोपण क्यूं करने आए दें आप भी अपनी राय क्या ये सही है |
6 comments:
जनता की आँख में धूल झोंकने के लिए हाथ पैर में धूल क्यूं लगवायें...जब ऐसे ही काम चल जा रहा है....
बहुत बढ़िया लिखा है आपने! शानदार पोस्ट!
कड़वा लगता है मगर सच तो "सच" है
मोहन वशिष्ठ जी
नमस्कार !
अख़बार बिछाया भी तो किसी ग़ुलाम मानसिकता के आम आदमी ने होगा …
इस देश में दोहरे चरित्र के नेताओं / प्रशासकों की भीड़ लगी है … आपने इनका चेहरा छुपा कर चित्र लगाया है , लेकिन इनके घटिया चरित्र की सड़ांध छुप नहीं सकती …
आवश्यकता है आमूलचूल परिवर्तन की ।
नई पोस्ट की प्रतीक्षा रहेगी :)
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
बिकुल सही है ! आपका कहना मै सहमत हुं !
बहुत शर्मनाक है ...भारत जैसे कृषिप्रधान देश में नेता जब मिट्टी से डरता है और फोटो खिंचवाता है.. बहुत दुखद .. किन्तु वाकई बिछाने वाले ने भी तो गुलाम मानिसकता को दिखा दिया ...
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