कुछ जीत लिखू या हार लिखूँ या दिल का सारा प्यार लिखूँ
कुछ अपनो के ज़ाज़बात लिखूं या सापनो की सौगात लिखूँ
मै खिलता सुरज आज लिखू या चेहरा चाँद गुलाब लिखूँ
वो डूबते सुरज को देखूँ या उगते फूल की साँस लिखूँ
वो पल मे बीते साल लिखू या सादियो लम्बी रात लिखूँ
मै तुमको अपने पास लिखू या दूरी का ऐहसास लिखूँ
मै अन्धे के दिन मै झाँकू या आँन्खो की मै रात लिखूँ
मीरा की पायल को सुन लुँ या गौतम की मुस्कान लिखूँ
बचपन मे बच्चौ से खेलूँ या जीवन की ढलती शाम लिखूँ
सागर सा गहरा हो जाॐ या अम्बर का विस्तार लिखूँ
वो पहली -पाहली प्यास लिखूँ या निश्छल पहला प्यार लिखूँ
सावन कि बारिश मेँ भीगूँ या आन्खो की मै बरसात लिखूँ
गीता का अर्जुन हो जाऊं या लकां रावन राम लिखूँ
मै हिन्दू मुस्लिम हो जाऊं या बेबस ईन्सान लिखूँ
मै ऎक ही मजहब को जी लुँ या मजहब की आँखें चार लिखूँ
वो पल मे बीते साल लिखू या सादियो लम्बी रात लिखूँ
मै तुमको अपने पास लिखू या दूरी का ऐहसास लिखूँ
मै अन्धे के दिन मै झाँकू या आँन्खो की मै रात लिखूँ
मीरा की पायल को सुन लुँ या गौतम की मुस्कान लिखूँ
बचपन मे बच्चौ से खेलूँ या जीवन की ढलती शाम लिखूँ
सागर सा गहरा हो जाॐ या अम्बर का विस्तार लिखूँ
वो पहली -पाहली प्यास लिखूँ या निश्छल पहला प्यार लिखूँ
सावन कि बारिश मेँ भीगूँ या आन्खो की मै बरसात लिखूँ
गीता का अर्जुन हो जाऊं या लकां रावन राम लिखूँ
मै हिन्दू मुस्लिम हो जाऊं या बेबस ईन्सान लिखूँ
मै ऎक ही मजहब को जी लुँ या मजहब की आँखें चार लिखूँ
12 comments:
बहुत बढ़िया !!
बहुत ही सुंदर रचना जी, धन्यवाद
पढा तो मैने भी था .. पर लेखक का नाम याद नहीं !!
यह कविता दिव्य प्रकाश की लिखी है. उनका विडियो भी जबरदस्त है:
http://www.youtube.com/watch?v=oIv1N9Wg_Kg
sundar rachna. lekin background aur rachna ke colours ka combination dikkat kar raha he rachna ko padhne me..kuchh theek kare to behtar hoga.
mafi chahungi...puri tarah se blog open hone ke baad rachna theek se padhi ja sakti hai.
aap ne shayed locking system kar rakha he...copy ki facility hoti to apki post charcha munch k liye select ki ja sakti thi.
जो जी में आये लिख डालो , उम्दा लिखा है मोहन जी !
आभार इस सुन्दर रचना को पढवाने का
regards
सुन्दर कविता ...!!
aap sabhi ka bahut bahut dhanyawad aur is baat ka behad dukh hai ki mere blog ka naam aate aate raha gaya aaj hi main lock ko unlock kar dunga अनामिका की सदाये ji aapka bahut bahut dhanyawad
मोहन जी कविता को अपने ब्लॉग पे सम्मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपका ...
सादर
दिव्य प्रकाश दुबे
आप मेरा नाम डाल सकते हैं .... मैं आपको लिंक भेज देता हूँ ...
http://aaobakarkarein.blogspot.com/
http://master-stroke.in/
www.youtube.com/watch?v=oIv1N9Wg_Kg
achchi lagi.
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