Sunday, 4 April 2010

प्यार खुदा की ही बन्दगी है

एक चिडिया को एक सफ़ेद गुलाब से प्यार हो गया , उसने गुलाब को प्रपोस किया ,
गुलाब ने जवाब दिया की जिस दिन मै लाल हो जाऊंगा उस दिन मै तुमसे प्यार करूँगा ,
जवाब सुनके चिडिया गुलाब के आस पास काँटों में लोटने लगी और उसके खून से गुलाब लाल हो गया,
ये देखके गुलाब ने भी उससे कहा की वो उससे प्यार करता है पर तब तक चिडिया मर चुकी थी


इसीलिए कहा गया है की सच्चे प्यार का कभी भी इम्तहान नहीं लेना चाहिए,
क्यूंकि सच्चा प्यार कभी इम्तहान का मोहताज नहीं होता है ,
ये वो फलसफा; है जो आँखों से बया होता है ,

ये जरूरी नहीं की तुम जिसे प्यार करो वो तुम्हे प्यार दे ,
बल्कि जरूरी ये है की जो तुम्हे प्यार करे तुम उसे जी भर कर प्यार दो,
फिर देखो ये दुनिया जन्नत सी लगेगी
प्यार खुदा की ही बन्दगी है

माफ़ करना दोस्तों बहुत दिनों से आपके पास आन की सोच रहा था की नई जॉब के कारण आपसे रूबरू न हो सका अब शायद जल्दी जल्दी आपसे रूबरू हो जाया करूँगा आज जो पोस्ट मैं आपको पढ़ा रहा हुन वों मैंने नहीं लिखी है वों किसी एक दोस्त के ऑरकुट से कॉपी कर आपको पढ़ा रहा हूँ लिखने वाले का नाम पता नहीं है अगर किसी ने लिखी हो तो मुझे बता सकता है मैं लेखक का नाम दाल दूंगा मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी  इसको पढ़ने का मेरा मकशाद केवल अच्छी लगी इसीलिए पढ़ा रहा हूँ जिस भी लेखक ने लिखी है उसको मेरी और से भी बधाई इतनी प्यारी और दिल को छू लेने वाली पोस्ट के लिए

7 comments:

फ़िरदौस ख़ान said...

प्यार ख़ुदा की ही बन्दगी है...
बहुत सुन्दर...

dhiru singh said...

बहुत सुन्दर प्यार को परिभाषित किया आपने . सच मे रिश्तो का इम्तिहान ना ले तो अच्छा है

मोहन वशिष्‍ठ said...
This comment has been removed by the author.
Anonymous said...

ब्लॉग भी सुंदर लगा लेकिन चिड़िया वाली बात तो लाजवाब (किसी की भी सही)पढवाने के लिए धन्यवाद्.

Urmi said...

प्यार को आपने बहुत ही सुन्दरता से प्रस्तुत किया है! काश वो सफ़ेद गुलाब उस प्यारी सी चिड़िया की मन की बात को समझ पाता तो ऐसा कभी न होता!

संजय भास्‍कर said...

बहुत सुंदर और उत्तम भाव लिए हुए.... खूबसूरत रचना......

सु-मन (Suman Kapoor) said...

चिड़िया का उदाहरण बह्त ही अच्छा लगा लिखने वाले ने प्रेम का चित्रण बखूबी किया है