तेरी दोस्ती है मेरे लिए
भगवन का नायब तोहफा
नजर न लगे किसी की इसे
जो मिला है ये नायब तोहफा
मिले हर जनम में
भाई की तरह तू
है उपरवाले से येही दुआ
केशव तेरे लिए हैं शुभकामनायें मेरी
मिले मंजिल तुझे
पहुंचे कामयाबी-ए-शिखर पर
करो सीना गर्व से ऊँचा
अपने परिवार का
अब जल्द ही आप से मुलाकात करूँगा छोटे से ब्रेक के बाद
2 comments:
बहुत ही सुन्दरता से आपने दोस्ती पर उम्दा रचना लिखा है! आपके दोस्त से मिलकर बहुत अच्छा लगा! सुन्दर तस्वीरों के साथ बेहतरीन प्रस्तुती !
really you did a fabulous job in u r page i love this poem bcoz u made on me so i love u Mohan G........
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