तुम जब याद आते हो
तो रुलाते हो
जब याद नहीं आते
तो सताते हो
आखिर क्यूँ
क्या यही होती है चाहत
क्या यही प्रेम कहलाता है
अगर है यही प्रेम
तो है कडवा मगर बड़ा प्यारा
खुसनसीब हैं वों जो पीते हैं इस प्याले को
हो जाते हैं अमर
कर जाते हैं अमर
जो पीते हैं इस प्याले को
10 comments:
बहुत ख़ूबसूरत, रोमांटिक, भावपूर्ण और दिल को छू लेने वाली रचना लिखा है आपने! इस उम्दा रचना के लिए ढेर सारी बधाइयाँ!
Bahut bhadiya likha hai aapne....Badhai!!
http://kavyamanjusha.blogspot.com/
सुंदर मनोभाव है, बहुत अच्छा लगा पढकर, पुरानी यादें ताजी हो गई
shandar hai , aao ki lekhani ko sadhuwad , yahi kamna har bar karte hai.
shandar hai, bahut khoob. oonda lekhani ke liye
सुन्दर रचना होली की हार्दिक शुभकामनायें
Bahut sundar kavita hai.
bhaavon ko shbdon mein bandhna hi to kavitayee hai.
Aap ko aur aap ke parivar mein sabhi ko Holi ki shubhkamnayen.
Bahut sundar kavita hai.
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
Post a Comment