पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक दोस्त है कच्चा पक्का सा ,
एक झूठ है आधा सच्चा सा .
जज़्बात को ढके एक पर्दा बस ,
एक बहाना है अच्छा अच्छा सा .
जीवन का एक ऐसा साथी है ,
जो दूर हो के पास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
हवा का एक सुहाना झोंका है ,
कभी नाज़ुक तो कभी तुफानो सा .
शक्ल देख कर जो नज़रें झुका ले ,
कभी अपना तो कभी बेगानों सा .
जिंदगी का एक ऐसा हमसफ़र ,
जो समंदर है , पर दिल को प्यास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक साथी जो अनकही कुछ बातें कह जाता है ,
यादों में जिसका एक धुंधला चेहरा रह जाता है .
यूँ तो उसके न होने का कुछ गम नहीं ,
पर कभी - कभी आँखों से आंसू बन के बह जाता है .
यूँ रहता तो मेरे तसव्वुर में है ,
पर इन आँखों को उसकी तलाश नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं
..... आपका एक दोस्त
यह मैंने नहीं लिखी नेट पर घूमते हुए अचानक आँखों के सामने आ गयी और लगा की इसमें है कुछ बात जो दिल को छू गयी सो पोस्ट कर दी इसको मेरी लिखी हुयी न समझा जाए लेखक का नाम मुझे पता नहीं है अगर किसी को पता हो तो बता दें मैं उन सज्जन का नाम लगा दूंगा
9 comments:
http://maikaran.blogspot.com/2009/07/blog-post.html यह मिला है इस कविता का रचनाकार
रचना तो जीवंत है..
यह रचना इन्टरनेट पर बिना नाम कम से कम ५० ब्लॉगस और फोरम में है.
वैसे मेरी जानकारी के हिसाब से यह देव प्रकाश की है जिन्होंने वो लिखी है...
क्या लिखूं
एक जीत लिखूं
या
हार लिंखूं
या
टूटे दिल के
जज्बात लिखूं.....
----कन्फर्म नहीं है.
रचनाकार को सुन्दर रचना के लिए बधाई !
आपको और आपके परिवार को वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनायें!
बहुत सुन्दर रचना लिखा है आपने!
बहुत सुन्दर रचना लिखा है आपने!
acchai badhai
'एक झूठ है आधा सच्चा सा .
जज़्बात को ढके एक पर्दा बस ,
एक बहाना है अच्छा अच्छा सा '
jis ne bhi likhi hai..kavita to bahut achchee likhi hai..seedhi seedhi baat dil se ..
---thanx for sharing.
बहुत सुंदर और उत्तम भाव लिए हुए.... खूबसूरत रचना......
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