waah......kya khoob likha hai.........waqt sabka aata hai bas himmat honi chahiye kuch karne ki..........lajawaab.
bahut khoob !
सुन्दर है पर इसे पूरा विकसित करिये।
बढि़या है. अमर ज्योति जी से सहमत. इसे आगे बढ़ायें.
सुन्दर भाव हैं.....लिखते रहें
मोहन जी,इंसान का ही बूता है कि वह आड़ी-तीरछी ऊंची-नीची, गरम-सर्द हर जगह अपना गुजारा कर लेता है। चाहे 50-55 डिग्री तक तपता रेगिस्तान हो चाहे शून्य के नीचे हड़्ड़ीयां जमा देने वाली सर्दी। इसके हौसले पस्त नहीं होते।
जोश भर दिया आपने.........वाह.....
अत्यन्त सुंदर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लिखी हुई आपकी ये छोटी सी प्यारी सी रचना मुझे बहुत अच्छी लगी!
अत्यन्त सुंदर भाव
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9 comments:
waah......kya khoob likha hai.........waqt sabka aata hai bas himmat honi chahiye kuch karne ki..........lajawaab.
bahut khoob !
सुन्दर है पर इसे पूरा विकसित करिये।
बढि़या है. अमर ज्योति जी से सहमत. इसे आगे बढ़ायें.
सुन्दर भाव हैं.....लिखते रहें
मोहन जी,
इंसान का ही बूता है कि वह आड़ी-तीरछी ऊंची-नीची, गरम-सर्द हर जगह अपना गुजारा कर लेता है। चाहे 50-55 डिग्री तक तपता रेगिस्तान हो चाहे शून्य के नीचे हड़्ड़ीयां जमा देने वाली सर्दी। इसके हौसले पस्त नहीं होते।
जोश भर दिया आपने.........
वाह.....
अत्यन्त सुंदर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लिखी हुई आपकी ये छोटी सी प्यारी सी रचना मुझे बहुत अच्छी लगी!
अत्यन्त सुंदर भाव
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