श्री शाहिद सहन जी उर्दू और हिंदी के जाने माने शायर हैं। यह नाम किसी पहचान को मोहताज नहीं है। शौकिया तौर पर शायरी करने वाले श्री हसन जी के ख्यालों में नर्मी है। उनका अपनी बात को कहने का सरल सहज और सादगीपूर्ण ढंग उन्हें भीड से अलग करता है। अब तक उन्होंने ढेरों कविताएं, गजल, शायरी और भिन्न भिन्न विषयों पर लेख लिखें हैं। उनके बारे में बताने के लिए मेरे पास शब्द ही नहीं हैं बस आप उनकी एक कविता जो उन्होंने नववर्ष पर लिखी थी पढो और आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं।
श्री हसन साहब ने एक ब्लाग भी शुरू किया है जिसका निर्माण अभी चल रहा है एक बार यहां पर क्लिक कर उनकी और भी रचनाएं आप यहां पर पढ सकते हैं और उनका कमेंट कर उत्साहवर्धन कर सकते हैं तो पेश है उनकी एक रचना आपकी खिदमत में
नया साल मनाएंगे
नए साल में हम
आइनों का शहर बसाएंगे
मुर्दा जिस्मों को अपने
आईने दिखाएंगे
फिर
पत्थर उठाएंगे मारेंगे नहीं
भाग जाएंगे
इस तरह हम
नया साल मनाएंगे
नए साल में हम
पौधा नीम का लगाएंगे
मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारा और
कालिसा के पानी से
उसको नहलाएंगे
फिर
जलाकर गीली पत्तियां उसकी
धुआं खूब उडाएंगे
इस तरह हम
नया साल मनाएंगे
नए साल में हम
पतंगें उडाएंगे
दूर तक ले जाएंगे
सरहद पर आसमानों की
पेंच लडाएंगे
फिर
वो काटा, वो काटा
कहकर शोर
खूब मचाएंगे
इस तरह हम
नया साल मनाएंगे
नए साल में हम
पहिया रोटी का बनाएंगे
खूब दौडाएंगे
खूब दौडाएंगे
फिर
जाकर
आंगन में पडोसी के
छोड आएंगे
इस तरह हम
नया साल मनाएंगे
नए साल में हम
सूली एक बनाएंगे
खुद को उस पर सजाएंगे
रोऐंगे, पीटेंगे और चिल्लाएंगे
फिर
जाकर जिस्म में दूसरों के
छुप जाएंगे
इस तरह हम
नया साल मनाएंगे
नए साल में हम
नदियों की माला बनाएंगे
मंगलम बस्तियां बसाएंगे
सूरज से आंखें लडाएंगे और
फिर
चांद को खा जाएंगे
इस तरह हम
नया साल मनाएंगे
13 comments:
श्री हसन साहब के ब्लॉग और उनकी रचनाओ से रूबरू करने का आभार...
Regards
बहुत सुंदर इसको पढ़वाने का शुक्रिया
वाह सब एक से बढ कर एक, आप का धन्यवाद
बहुत ख़ूब। कभी हो सके तो इनसे मिलवाइए भी।
bahut sundar.....
बेहतरीन रचना पढ़वाने के लिये साधुवाद...
शाहिद सहन जी की इस कविता को पढकर मजा तो बहुत आया पर समझ में कुछ न आया। अब आने वाले साल में इसे हम भी गुनगुनाएंगें।
bahut badhiya kavita..
achchey achchey rachnakaron se parichay karaane hetu aap ko dhnywaad.
bahut badhiya kavita..
achchey achchey rachnakaron se parichay karaane hetu aap ko dhnywaad.
नए साल को नए तरीके से मनाने के लिए आपका और हसन साहब का शुक्रिया.
हसन साहब के ब्लाग और उनकी नए साल की शानदार कविता पढ़वाने के लिए आपका आभार।
जितना प्यारा ब्लॉग है, उतनी ही प्यारी रचनाएं। बधाई।
नवा साल पुराना हो गया। कुछ नया लिखें। वो भी काम का। समझे।
और वो फोटो में लड़की बैठी हुई है न कि लेटी हुई। फोटोज बनाते हो इतना भी नहीं पता। यह फोटो रिजैक्ट है।
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