तुम जब याद आते हो
तो रुलाते हो
जब याद नहीं आते
तो सताते हो
आखिर क्यूँ
क्या यही होती है चाहत
क्या यही प्रेम कहलाता है
अगर है यही प्रेम
तो है कडवा मगर बड़ा प्यारा
खुसनसीब हैं वों जो पीते हैं इस प्याले को
हो जाते हैं अमर
कर जाते हैं अमर
जो पीते हैं इस प्याले को